भारतीय संविधान अनुच्छेद 1

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। यह भारत की शासन व्यवस्था को बहुत ही विस्तार से परिभाषित करता है और इसके साथ ही भारत की एकता अखंडता और संप्रभुता की गारंटी भी देता है। संविधान के शुरुआत में ही भारत के स्वरुप और इसकी पहचान को परिभाषित किया गया है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, क्योकि इसी अनुच्छेद में बताया गया है कि भारत किस प्रकार का देश है और इसका क्या नाम है।

Digital PadhaiLikhai के आज के इस लेख में हम भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक (Article 1) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

    भारतीय संविधान अनुच्छेद 01 (Indian Constitution Article 01)

    इससे पहले की हम भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक बारे में विस्तार से जानें, सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि संविधान में यह अनुच्छेद किस तरह से लिखा गया है।

    संघ का नाम और राज्य क्षेत्र:

    • भारत, अथार्त इंडिया राज्यों का संघ होगा।
    • राज्य और उनके राज्य क्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
    • भारत के राज्य क्षेत्र में-
      • राज्यों के राज्य क्षेत्र;
      • पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट संघ राज्यक्षेत्र; और
      • ऐसे अन्य राज्यक्षेत्र जो अर्जित किये जाएं,
      समाविष्ट होंगे।

    अनुच्छेद 1 का शाब्दिक प्रावधान

    भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक बताया गया है, "India, that is Bharat, shall be a Union of States." अर्थात “भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।” यह छोटा सा प्रावधान भारत की राजनैतिक संरचना और संवैधानिक ढांचे को स्पष्ट रूप में व्यक्त करता हैं।

    अनुच्छेद 1 की प्रमुख बातें

    अनुच्छेद एक को विस्तार से समझने के लिए इसको तीन भागों में बांटकर समझा जा सकता है।

    • भारत का नामकरण: भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक में भारत के लिए दो नामों का उल्लेख किया है: इंडिया और भारत।
    • राज्यों का संघ: भारत को "Union of States" अर्थात "राज्यों का संघ" कहा गया है।
    • संघीय ढांचा परंतु अविच्छिन्न एकता: भारत राज्यों का संघ तो है लेकिन किसी भी राज्य को संघ से अलग होने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है।

    भारत को “Union of States” क्यों कहा गया

    सविधान निर्माताओं ने भारतीय संविधान को बनाते समय "Federation of States" की जगह पर “Union of States” शब्द का उपयोग किया है। उनके द्वारा ऐसा किये जाने के पीछे दो महत्वपूर्ण कारण है।

    • भारत के राज्यों ने अपनी स्वतंत्र इच्छा से इस संघ की रचना नहीं की थी, बल्कि सम्पूर्ण देश की एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक एकता पहले से ही विद्यमान थी।
    • संविधान निर्माता भारत की एकता अविच्छिन्न (indivisible) बनाना चाहते थे। जिसके कारण उन्होंने “Union of States” का उपयोग किया।

    इस प्रकार संविधान निर्माताओं ने Union of States का उपयोग करके, भारत की मजबूत केंद्र व्यवस्था और राज्यों की अखंडता को सुनिश्चित किया है।

    भारत की भौगोलिक संरचना

    भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक में भौगोलिक संरचना के आधार पर भारत को तीन प्रकार से देखा जा सकता है।

    • राज्य (States)
    • केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories)
    • ऐसे क्षेत्र जिन्हें भविष्य में भारत में सम्मिलित किया जा सकता है

    वर्तमान समय में भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शाषित प्रदेश हैं।

    अनुच्छेद 1 का महत्व

    • यह अनुच्छेद भारत की संरचना और पहचान को परिभाषित करता है।
    • संविधान निर्माताओं ने भारत को संविधान में “राज्यों का संघ” बनाकर, इसकी एकता और अखंडता को सुनिश्चित किया है।
    • यह अनुच्छेद स्पष्ट करता है कि भारत एक संघीय व्यवस्था अपनाते हुए भी एकात्मक भावना रखता है।

    🎥 वीडियो: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 सरल भाषा में

    यदि आप इस विषय को पढ़ने के साथ-साथ वीडियो के माध्यम से भी समझना चाहते हैं, तो नीचे दी गई हमारी YouTube वीडियो ज़रूर देखें। इसमें अनुच्छेद 1: भारत का नाम और क्षेत्र को आसान और स्पष्ट उदाहरणों के साथ समझाया गया है।

    निष्कर्ष

    वैसे तो जब भी आप भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक को पढ़ते हैं तो यह एक साधारण सा दिखने वाला प्रावधान प्रतीत होता है, लेकिन जब आप इसकी गंभीरता पर विचार करते हैं तो पाते हैं कि यह कितना व्यापक है। यह अनुच्छेद भारत के नाम, इसके स्वरुप और इसके संघीय ढांचे को निर्धारित करता है। यह देश की एकता और अखंडता का प्रतिक है, इसलिए मेरे अनुसार अनुच्छेद एक को आप भारतीय संविधान की आधारशिला कह सकते हैं।