भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 – FAQs
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 स्पष्ट रूप से बताता है कि “India, that is Bharat, shall be a Union of States.” यानी भारत को एक संघीय ढांचे में राज्यों का संघ माना गया है। इसका अर्थ यह है कि भारत केवल अलग-अलग राज्यों का समूह नहीं है, बल्कि यह एक अखंड और अविभाज्य राष्ट्र है। अनुच्छेद 1 यह भी परिभाषित करता है कि भारत का क्षेत्र किन-किन हिस्सों से मिलकर बना है—इसमें राज्य, संघ राज्य क्षेत्र और वे अन्य क्षेत्र शामिल हैं जो भविष्य में भारत में सम्मिलित हो सकते हैं। यही कारण है कि अनुच्छेद 1 हमारे देश की राजनीतिक पहचान और उसकी एकता को समझने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
26 जनवरी 1950 को जब भारतीय संविधान लागू हुआ था तब इसमें:
- 22 पार्ट्स,
- 395 आर्टिकल,
- 8 अनुसूचियाँ,
- और कोई भी Appendices नहीं थे
वर्तमान समय (2025) में संविधान में:
- 25 पार्ट्स,
- 448 आर्टिकल,
- 12 अनुसूचियाँ,
- और 3 Appendices शामिल हैं।
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें:
- लगभग 1,46,000 शब्द हैं,
- यह 251 पन्नों में लिखा गया है,
- इसे लिखने में लगभग 6 महीने लगे,
- संविधान का मूल दस्तावेज़ लगभग 3.65 किलोग्राम वज़न का है,
- और इसे बनाने में कुल 2 साल, 11 महीने, 17 दिन लगे।
भारतीय संविधान को “Bag of Borrowings” कहा जाता है क्योंकि संविधान सभा ने विभिन्न देशों के संविधानों से अच्छी बातें लेकर उन्हें भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप अपनाया।
- संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान पर हस्ताक्षर किए।
- इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया (Adopt) गया।
- यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, इसी दिन से हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
 
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